Vladimir Putin को अक्सर एक शक्तिशाली और विवादित नेता के रूप में देखा जाता है, लेकिन उनके निजी जीवन में एक ऐसा पहलू भी है जो कम ही लोग जानते हैं। उनकी Ex-Wife Lyudmila Shkrebneva की कहानी इस मानवीय पक्ष को उजागर करती है और यह बताती है कि पुतिन के जीवन के इस हिस्से में भी संघर्ष और बदलाव शामिल थे।
पहली मुलाकात और शुरुआती जीवन
Vladimir Putin और Lyudmila की पहली मुलाकात 1970 के दशक के अंत में Leningrad (आज का Saint Petersburg) में हुई थी, जब Lyudmila एक flight attendant के रूप में काम कर रही थीं। एक दोस्त के माध्यम से एक कॉमेडी शो के दौरान उनकी मुलाकात हुई, और यही मुलाकात उनके रिश्ते की नींव बन गई।
शादी और पारिवारिक जीवन
1983 में Vladimir Putin और Lyudmila ने शादी की और उनकी दो बेटियां हुईं। Lyudmila ने परिवार के साथ-साथ अपने करियर पर भी ध्यान दिया। 1986 में, उन्होंने Leningrad State University से linguistics में स्नातक की डिग्री पूरी की और एक German teacher के रूप में काम शुरू किया।
पहली महिला के रूप में भूमिका
1980 के दशक के अंत में, Vladimir Putin के केजीबी करियर के चलते, पूरा परिवार Dresden, East Germany में रहा। Lyudmila ने वहां एक linguist के रूप में काम किया, जबकि पुतिन अपने गुप्त कार्य के लिए एक translator का आवरण रखते थे। जब पुतिन राजनीति में उभरने लगे और अंततः राष्ट्रपति बने, तो Lyudmila को एक पहली महिला के रूप में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एक Russian designer ने बताया कि Lyudmila इस भूमिका के लिए तैयार नहीं थीं और यह जिम्मेदारी उनके ऊपर अचानक आ गई।
वैवाहिक तनाव और तलाक
Vladimir Putin के राजनीतिक सफर के दौरान, Lyudmila की सार्वजनिक उपस्थिति कम होती गई, जिससे अटकलें लगने लगीं कि उनके रिश्ते में परेशानी है। 2013 में, लगभग 30 सालों की शादी के बाद, दोनों ने तलाक की घोषणा की। उन्होंने इसे “civilized divorce” कहा और कहा कि वे अलग-अलग जीवन जी रहे थे। पुतिन रूस के पहले राष्ट्रपति बने जिन्होंने पद पर रहते हुए तलाक लिया।
नई शुरुआत
तलाक के बाद Lyudmila ने एक नई जिंदगी की शुरुआत की। 2016 में, उन्होंने Artur Ocheretny, एक प्रमुख Russian businessman, से शादी की। शादी के बाद, वे पश्चिमी यूरोप चले गए और Lyudmila ने एक शांतिपूर्ण और स्वतंत्र जीवन की शुरुआत की।
निष्कर्ष
Vladimir Putin की शक्ति और कड़े व्यक्तित्व के पीछे Lyudmila Shkrebneva की कहानी उनकी जिंदगी के उस हिस्से को उजागर करती है जो कम चर्चित है। एक बुद्धिमान और समर्थ भाषाविद से लेकर पहली महिला बनने और अंततः अपनी स्वतंत्रता पाने तक की उनकी यात्रा यह बताती है कि सत्ता के करीब रहने वाले लोग भी निजी जीवन में संघर्ष और शांति की तलाश करते हैं।