“Ustad Zakir Hussain की हालत गंभीर: दुआओं की दरकार”


भारत के मशहूर तबला वादक Ustad Zakir Hussain इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें हृदय संबंधी समस्या के चलते अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी बहन खुर्शीद औलिया ने कहा है कि उनकी स्थिति बेहद नाज़ुक है और परिवार ने प्रशंसकों से दुआ करने की अपील की है।

मशहूर तबला वादक की स्थिति नाज़ुक

Ustad Zakir Hussain के मैनेजर निर्मला बचानी ने पुष्टि की है कि वह अस्पताल में हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उनकी बहन ने कहा, “वह अभी ज़िंदा हैं, कृपया उनके लिए प्रार्थना करें। परिवार की ओर से सभी प्रशंसकों से दुआ करने की अपील है।”

उनके भतीजे अमीर औलिया ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर गलत जानकारी को खारिज करते हुए लिखा, “मेरे चाचा Ustad Zakir Hussain का निधन नहीं हुआ है। हम उनकी स्थिति को लेकर चिंतित हैं और सभी से उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध करते हैं।”

भारतीय शास्त्रीय संगीत के चमकते सितारे

Ustad Zakir Hussain

Bombay (अब मुंबई) में जन्मे Ustad Zakir Hussain ने अपने पिता और महान तबला वादक अल्ला रक्खा के नक्शे कदम पर चलते हुए भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपना नाम स्थापित किया। उनकी कला और तकनीक ने उन्हें देश और दुनिया भर में ख्याति दिलाई।

2009 में New York Times ने उनके बारे में लिखा, “Ustad Zakir Hussain की उंगलियों की गति और उनकी तकनीक कोलिब्री के पंखों के समान तेज़ हैं। उनकी रचनात्मकता और उनकी परफॉर्मेंस हमेशा दर्शकों को रोमांचित करती हैं।”

संगीत करियर की अनोखी शुरुआत

Ustad Zakir Hussain ने अपने करियर की शुरुआत एक दिलचस्प घटना से की। एक बार उनके पिता अल्ला रक्खा के नाम एक कॉन्सर्ट का निमंत्रण आया। उनके व्यस्त होने के कारण, Zakir ने खुद आयोजकों को पत्र लिखकर कहा कि उनके पिता उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उनका बेटा प्रस्तुति दे सकता है। उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी उम्र मात्र 13 साल थी। इस चतुराई से उनकी पहली परफॉर्मेंस हुई, और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अंतरराष्ट्रीय संगीत में योगदान

Ustad Zakir Hussain ने न केवल भारतीय कलाकारों के साथ बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संगीत के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया। 1973 में अंग्रेज़ गिटारिस्ट जॉन मैकलॉफलिन, वायलिन वादक एल शंकर और परकशनिस्ट टीएच ‘विक्कु’ विनायकम के साथ उनका म्यूजिकल प्रोजेक्ट भारतीय शास्त्रीय संगीत और जैज़ का अनूठा फ्यूज़न था, जिसने संगीत जगत में एक नई लहर पैदा की।

सम्मान और पुरस्कार

अपने संगीत के लिए Ustad Zakir Hussain को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाज़ा गया। उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने अपने करियर में कई ग्रैमी पुरस्कार भी जीते हैं, जो उनके अद्वितीय योगदान का प्रमाण है।

दुनिया भर में प्रशंसकों की प्रार्थनाएं

आज, जब वह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके चाहने वाले पूरी दुनिया में उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। Ustad Zakir Hussain केवल एक कलाकार नहीं हैं, बल्कि भारतीय संगीत और संस्कृति के प्रतिनिधि भी हैं। उनकी तबला वादन की शैली और उनके व्यक्तित्व ने उन्हें हमेशा के लिए भारतीय संगीत जगत का अजीम सितारा बना दिया है।

आशा और दुआ

सभी प्रशंसकों की उम्मीदें और प्रार्थनाएं यही हैं कि Ustad Zakir Hussain जल्दी स्वस्थ होकर वापस लौटें। उनका संगीत और उनकी उपस्थिति न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए बल्कि पूरे संगीत जगत के लिए प्रेरणा है।


निष्कर्ष
Ustad Zakir Hussain के स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर सभी की चिंताएं बनी हुई हैं। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि वह एक योद्धा हैं, जिन्होंने अपने संगीत से दुनिया को मोहित किया है। आइए, हम सभी उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करें।


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