Sharda Sinha के निधन पर शोक की लहर: एक युग का अंत

6 नवम्बर 2024 को भोजपुरी संगीत की जानी-मानी गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली के एम्स अस्पताल में मंगलवार रात 09:20 बजे निधन हो गया, जिससे संगीत प्रेमियों और उनके प्रशंसकों में गहरी शोक की लहर दौड़ गई। शारदा सिन्हा का संगीत जगत में विशेष स्थान था, और उनकी आवाज़ ने भोजपुरी संगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनकी मृत्यु से एक सुनहरी धरोहर का अंत हुआ है, जिसे भारतीय संगीत प्रेमी कभी नहीं भूलेंगे। वह पिछले 6 साल से ब्लड कैंसर के बीमारी से पीड़ित थी एम्स ने बताया कि सेप्टिसीमिया की वजह से शारदा सिन्हा को रिफ्रैक्टरी शॉक हुआ और इसी ने उनकी जान ली। सेप्टिसीमिया मतलब शरीर में बैक्टीरिया, वायरस, या कवक जैसे कीटाणुओं के कारण खून दूषित होना। शारदा के पार्थिव शरीर को पटना मैं अंतिम दर्शन के लिए रखा जायेगा और गुरूवार को शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार होगा। शारदा सिन्हा का जीवन और संगीत यात्रा शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले एक छोटे से गाँव हुलास में हुआ था, जहाँ उन्होंने अपनी प्रारंभिक संगीत शिक्षा प्राप्त की। उनके संगीत की शुरुआत पारंपरिक लोक संगीत से हुई, लेकिन उन्होंने अपनी गायकी में भोजपुरी, हिंदी और मैथिली संगीत को भी शामिल किया। शारदा सिन्हा ने 80 और 90 के दशक में भोजपुरी फिल्मों के गीतों से लोकप्रियता हासिल की। उनके गाए गए गीतों ने न केवल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को पहचान दिलाई, बल्कि उनकी आवाज़ भारतीय लोक संगीत के अहम हिस्से के रूप में स्थापित हो गई।उनकी गायकी की विशेषता थी कि उनकी आवाज़ में एक प्रकार की मिठास और सादगी थी, जो हर दिल को छू जाती थी। उन्होंने अपने करियर में दर्जनों हिट गाने दिए, जिनमें “याद आ रहा है”, “तू ललकी आंखे” जैसे कई गाने शामिल हैं, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं। शारदा सिन्हा का योगदानशारदा सिन्हा का संगीत भारतीय लोक संगीत को जीवित रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला था। उन्होंने न सिर्फ पारंपरिक भोजपुरी गीतों को अपनी आवाज़ दी, बल्कि अपनी गायकी से नए रंग भी जोड़े। उनका संगीत कभी भी पुराना नहीं होता था; उनका हर गीत समय के साथ नया और ताजगी से भरपूर लगता था।उनकी गायकी ने भोजपुरी भाषा और संस्कृति को ग्लोबल स्तर पर पहचान दिलाई। शारदा सिन्हा के गीत न सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश में, बल्कि पूरे देश में लोकप्रिय थे। उनकी आवाज़ ने भोजपुरी और मैथिली के लोकगीतों को एक नया जीवन दिया और उन गीतों को युवाओं के बीच भी प्रचलित किया। शारदा सिन्हा की प्रसिद्धि और सम्मानशारदा सिन्हा को उनके संगीत के क्षेत्र में कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए थे। भारतीय संगीत उद्योग में उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें कई प्रमुख संगीत पुरस्कारों से नवाजा गया। उनकी कला और संगीत के प्रति समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से न केवल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया, बल्कि भारतीय संगीत जगत को भी समृद्ध किया। शारदा सिन्हा के निधन से शोकउनके निधन की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया। शारदा सिन्हा ने अपनी आवाज़ से लाखों दिलों को छुआ था और उनके गीत आज भी लोगों की जिंदगी का हिस्सा हैं। उनका जाना संगीत की दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान है। संगीत प्रेमी और उनके प्रशंसक अब हमेशा उनकी आवाज़ और उनके गानों को याद करेंगे।शारदा सिन्हा का योगदान भारतीय संगीत में कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके निधन ने संगीत जगत के एक महान हस्ती को खो दिया है, लेकिन उनकी धरोहर और संगीत हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगा।उनकी आत्मा को शांति मिले।

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