बॉलीवुड की दुनिया में जब भी “ड्रामा क्वीन” का जिक्र होता है, Rakhi Sawant का नाम सबसे पहले आता है। राखी सावंत ने अपनी बोल्ड और विवादित छवि के चलते खूब सुर्खियां बटोरी हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भोजपुरी सिनेमा में भी एक राखी सावंत हैं? जी हां, हम बात कर रहे हैं सोना पांडे की, जिन्हें उनकी हरकतों और विवादों के चलते “भोजपुरी सिनेमा की राखी सावंत” कहा जाता है।
सोना पांडे अपने फिल्मों से ज्यादा विवादों और मीडिया अटेंशन के लिए जानी जाती हैं। बॉलीवुड की राखी सावंत की तरह, सोना भी मीडिया में बने रहने के लिए हर तरह के बयान और हरकतें करती हैं। हालांकि, उनकी तुलना राखी सावंत से क्यों की जाती है? इसका जवाब उनके विवादित इंटरव्यू और बयानों में छिपा है।
क्यों बनीं Sona Pandey “भोजपुरी सिनेमा की राखी सावंत”?
सोना पांडे ने 2018 में भोजपुरी इंडस्ट्री में कदम रखा। हालांकि, वह मुख्य भूमिकाओं में बहुत कम नजर आई हैं। छोटे-मोटे गाने और फिल्मों में काम करने के बावजूद, उन्हें पहचान का बड़ा मौका नहीं मिला। सितंबर 2024 में सिंगर तूफानी लाल यादव के साथ हुए उनके विवाद ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया।
सोना ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि तूफानी लाल यादव ने उन्हें काम देने के बदले में कुछ अनुचित मांगें कीं। सोना ने बिना किसी झिझक के यह बात सार्वजनिक कर दी। उनके इस साहसी कदम ने उन्हें रातोंरात चर्चा का विषय बना दिया। यह बात राखी सावंत की उस छवि से मेल खाती है, जहां वह हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखती हैं, चाहे वह कितना भी विवादास्पद क्यों न हो।
विवादों से मिली पहचान
Sona Pandey का नाम उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आया जब उन्होंने अपने इंटरव्यू में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिन्हें सार्वजनिक मंच पर बोलने से लोग कतराते हैं। उनके इन बयानों ने भोजपुरी इंडस्ट्री में हलचल मचा दी। कई लोग उन्हें सराहने लगे तो कई ने उनकी आलोचना की। लेकिन सोना ने इन विवादों का डटकर सामना किया और कहा कि उन्हें सच बोलने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती।
बॉलीवुड की राखी सावंत भी इसी सिद्धांत पर काम करती हैं। वह हमेशा कहती हैं कि अगर आप सेलिब्रिटी हैं तो आपको मीडिया अटेंशन की जरूरत होती है। यह बात सोना पांडे पर भी लागू होती है।
काम से ज्यादा विवादों में पहचान
भोजपुरी इंडस्ट्री में छह साल बिताने के बाद भी सोना पांडे को ऐसा कोई बड़ा ब्रेक नहीं मिला, जिससे वह खुद को स्थापित कर सकें। वह अब तक केवल छोटे रोल और गानों में नजर आई हैं। हालांकि, विवादों ने उन्हें पहचान जरूर दिलाई है। सोना का कहना है कि वह इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रही हैं और अपनी सच्चाई के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं।
मीडिया अटेंशन की रणनीति
Rakhi Sawant की तरह सोना पांडे भी मानती हैं कि मीडिया की अटेंशन ही किसी कलाकार को चर्चा में रख सकती है। यही वजह है कि वह विवादित बयान देने से पीछे नहीं हटतीं। कुछ लोगों का मानना है कि यह उनके करियर की रणनीति है, जबकि कुछ इसे उनकी बेबाकी कहते हैं।
भविष्य की उम्मीद
Sona Pandey के प्रशंसक मानते हैं कि उनकी मेहनत और बेबाकी उन्हें एक दिन सफलता के शिखर पर जरूर ले जाएगी। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह अपने विवादों से ऊपर उठकर खुद को एक सफल अदाकारा के रूप में स्थापित कर पाती हैं या नहीं।
निष्कर्ष
Sona Pandey ने अपनी विवादित छवि के चलते भोजपुरी सिनेमा में “राखी सावंत” का टैग जरूर हासिल कर लिया है। चाहे आलोचना हो या समर्थन, उनकी बेबाकी ने उन्हें चर्चा में बनाए रखा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जैसे बॉलीवुड राखी सावंत के बिना अधूरा लगता है, वैसे ही विवादों के बिना भोजपुरी इंडस्ट्री में सोना पांडे की छवि अधूरी लगती है।