Hitler का भतीजा जिसने अपने ही चाचा के खिलाफ लड़ी War

दूसरे विश्वयुद्ध का नाम सुनते ही मन में Adolf Hitler का चेहरा उभर आता है। एक ऐसा तानाशाह जिसने अपनी सनक और सत्ता की भूख से पूरी दुनिया को युद्ध के दावानल में झोंक दिया। जर्मनी के इस नेता ने कई देशों को अपना दुश्मन बनाया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उसके परिवार में भी उसे चुनौती देने वाले थे? जी हां, Adolf Hitler का एक भतीजा उसके खिलाफ अमेरिका की ओर से लड़ा था। यह कहानी न केवल पारिवारिक खींचतान की है, बल्कि सत्ता, धोखे और बदले की भी है।


Hitler के परिवार की उलझी कहानी

Hitler
हिटलर की मां और पिता

Hitler का असली नाम Adolf Schicklgruber हो सकता था। उसके पिता Alois Hitler दरअसल अवैध रूप से पैदा हुए थे, क्योंकि उसकी दादी मारिया शिकलग्रुबर ने बिना शादी के उसे जन्म दिया था। बाद में मारिया ने जॉर्ज हिडलर नामक व्यक्ति से शादी की और Alois ने अपना नाम बदलकर Hitler रख लिया।

Alois तीन शादियों के बाद भी कई महिलाओं से रिश्ते रखता था। उसने अपनी तीसरी पत्नी Klara से शादी के बाद Adolf को जन्म दिया। Adolf के अलावा Alois के अन्य बच्चे भी थे, जिनमें एक बेटा Alois Jr. और एक बेटी Angela शामिल थे। Alois Jr. इंग्लैंड में बस गया और वहां उसने Bridget Dowling से शादी की। उनके बेटे का नाम था William Patrick Hitler।


Hitler और उसके भतीजे का संघर्ष

William Patrick Hitler, Adolf Hitler का सगा भतीजा, काम की तलाश में जर्मनी आया। Adolf ने उसे Opel कंपनी में नौकरी दिलाई। लेकिन William की महत्त्वाकांक्षाएं बड़ी थीं। वह Hitler की गुप्त जानकारियों को उजागर करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करने लगा।

ऐसा माना जाता है कि William ने Hitler पर आरोप लगाया था कि उसके खून में यहूदी वंश के लक्षण हैं। इस बात ने Hitler को भीतर तक हिला दिया। उसने William को खत्म करने की योजना बनाई, लेकिन William को इसका आभास हो गया और वह इंग्लैंड लौट गया।


Hitler का भतीजा बना दुश्मन

इंग्लैंड से भागकर William अपनी मां के साथ अमेरिका चला गया। वहां उसने Hitler के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उसने एक लेख लिखा, जिसका शीर्षक था “Why I Hate My Uncle”। इस लेख ने Adolf Hitler को आगबबूला कर दिया, लेकिन William अब उसकी पहुंच से दूर था।

दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान William ने Adolf Hitler के खिलाफ लड़ने की ठानी। लेकिन उसका Hitler उपनाम उसकी राह में बाधा बन गया। उसे कोई नौकरी देने को तैयार नहीं था। William ने खुद अमेरिकी राष्ट्रपति Franklin D. Roosevelt को पत्र लिखकर अमेरिकी सेना में भर्ती होने की गुहार लगाई। Roosevelt ने उसकी अपील को स्वीकार किया।


William Patrick का सैन्य सफर

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1944 में William Patrick Hitler को अमेरिकी नौसेना में फार्मासिस्ट मेट के पद पर नियुक्त किया गया। उसने बहादुरी से युद्ध लड़ा और उसे “पर्पल हार्ट” मेडल से सम्मानित किया गया। यह विडंबना ही थी कि Adolf Hitler का अपना खून उसके सबसे बड़े दुश्मनों में से एक बन चुका था।


Hitler परिवार का अंत

दूसरे विश्वयुद्ध के अंत में Adolf Hitler ने आत्महत्या कर ली। उसके परिवार के अन्य सदस्य भी या तो युद्ध में मारे गए या गुमनामी में चले गए। William Patrick Hitler इस परिवार का इकलौता जीवित सदस्य था। लेकिन Hitler नाम की बदनामी से बचने के लिए उसने 1947 में अपना नाम बदलकर William Stuart-Houston रख लिया।


Hitler के नाम की विरासत

आज Hitler का नाम दुनिया के सबसे बड़े तानाशाह के रूप में लिया जाता है। लेकिन William की कहानी इस बात का प्रमाण है कि बुराई और अन्याय का विरोध करना कभी व्यर्थ नहीं जाता, भले ही वह विरोध अपने ही परिवार के खिलाफ क्यों न हो। William ने यह साबित कर दिया कि खून का रिश्ता भी नैतिकता और सच्चाई के रास्ते में बाधा नहीं बन सकता।

“Adolf Hitler के परिवार की इस अनसुनी कहानी ने हमें यह सिखाया कि अन्याय के खिलाफ खड़ा होना हमेशा सही होता है।”

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