Devara Movie Review: एनटीआर की बहुप्रतीक्षित फिल्म, उम्मीदों पर खरी या सिर्फ एक और धोखा?

Devara movie का नाम सुनते ही तेलुगु सिनेमा प्रेमियों में एक अलग ही जोश और उत्साह देखा गया। 300 करोड़ के भारी भरकम बजट और जूनियर एनटीआर जैसे स्टार के साथ, उम्मीदें आसमान छू रही थीं। इंडस्ट्री के कुछ लोगों का मानना था कि यह फिल्म साउथ सिनेमा के लिए नए मानक स्थापित करेगी और दिसंबर में आने वाली Pushpa 2 के लिए एक नया बेंचमार्क सेट करेगी। लेकिन क्या Devara वाकई इस हाईप पर खरा उतर पाई? चलिए जानते हैं।

कहानी की शुरुआत और प्लॉट

Devara की कहानी एक रहस्यमय और डरावने Red Sea की है, जहां पानी के बदले खून बहता है और हड्डियों के कंकाल नजर आते हैं। फिल्म का हीरो, Devara, समुंदर की रक्षा करता है और उसके अंदर कदम रखने वाले बुरे लोगों का खात्मा कर देता है। हालांकि, पिछले 10-12 सालों से किसी ने Devara को नहीं देखा। इस रहस्यमय कहानी में एक खतरनाक शैतान भी है, जो ताकत में Devara के बराबर है, लेकिन उसका दिमाग 10 सिर वाले रावण से भी तेज चलता है।

फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब Devara का बेटा, जो खुद जूनियर एनटीआर द्वारा निभाया गया है, अपने पिता के खिलाफ जाता है और विलेन बहरा भैया की टीम में शामिल हो जाता है। कहानी का यह एंगल क्लाइमेक्स को दिलचस्प बनाता है, लेकिन अंत में यह कुछ नया पेश करने में असफल रहा।

एक्शन और सिनेमेटोग्राफी

Devara movie के अंडरवाटर सीन्स और पानी के अंदर शूट किए गए एक्शन सीन्स वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं। जहाज पर फिल्माया गया एक्शन यूनिक लगता है और थिएटर में देखने पर एक अलग ही अनुभव देता है। जूनियर एनटीआर ने अपनी भूमिका में फुल कंट्रीब्यूट किया है और उनकी एक्टिंग में दम है, लेकिन कहानी की कमी इसे संभाल नहीं पाई।

एक्टिंग और कैरेक्टर्स

फिल्म में जूनियर एनटीआर की एक्टिंग ठीक-ठाक रही। उन्होंने अपनी भूमिका को सही तरह से निभाया, लेकिन Man of Masses का उनका टाइटल इस बार उतना प्रभाव नहीं डाल पाया। वहीं, सैफ अली खान एक शानदार सरप्राइज रहे। उनका इविल प्रेजेंस और सिर्फ आंखों से की गई एक्टिंग को देखने का अलग ही मजा था। जान्हवी कपूर का रोल फिल्म में खास महत्व नहीं रखता, और वे आसानी से नजरअंदाज की जा सकती हैं।

कहानी और स्क्रीनप्ले की कमियां

Devara movie की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी कहानी है। कहानी में नया कुछ भी नहीं है और यह बहुत रिपीटेटिव लगती है। फादर-सन का डबल रोल और परिवार के भीतर टकराव जैसे कैरेक्टर्स आजकल की फिल्मों में आम हो गए हैं। यह कहानी अगर 1994 में रिलीज होती तो शायद कुछ नया महसूस होता, लेकिन 2024 में यह एक पुरानी स्क्रिप्ट लगती है। इसके अलावा, फिल्म को बेवजह खींचकर 3 घंटे लंबा करना सिर्फ पार्ट 2 के लिए जगह बनाने की चाल नजर आती है।

बीजीएम और तकनीकी पहलू

अनिरुद्ध का बैकग्राउंड म्यूजिक (BGM) कुछ सीन्स में अच्छा है, खासकर एक्शन सीक्वेंसेस के दौरान, लेकिन बाकी जगहों पर यह ज्यादा प्रभावी नहीं है। तकनीकी दृष्टिकोण से फिल्म के अंडरवाटर शॉट्स और CGI का काम अच्छा है, लेकिन वह पूरी फिल्म को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं है।

निष्कर्ष: वन-टाइम वॉच या बड़ा धोखा?

Devara movie एक एवरेज फिल्म है। इसे एक बार थिएटर में देखा जा सकता है, लेकिन यह आपको वह रोमांच और मस्ती नहीं देगी जिसकी उम्मीद थी। फिल्म के पॉजिटिव्स में शानदार अंडरवाटर सीन्स और सैफ अली खान की एक्टिंग शामिल है। नेगेटिव्स में कहानी की पुरानी स्क्रिप्ट, जरूरत से ज्यादा लंबाई और कैरेक्टर्स का जबरदस्ती फिल्म में होना प्रमुख हैं।

पांच में से Devara को दो स्टार दिए जा सकते हैं—एक अंडरवाटर सीक्वेंस के लिए और दूसरा अनिरुद्ध के कुछ अच्छे BGM के लिए। हालांकि, यह डिजास्टर नहीं है, लेकिन यह RRR के बाद की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतरता।


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