Chess में नया सितारा: Gukesh की ऐतिहासिक Win ने रचा इतिहास

Chess में भारत का नया चैंपियन

Chess, जिसे बौद्धिक खेलों का राजा माना जाता है, भारत में एक नई क्रांति का अनुभव कर रहा है। इस बदलाव के केंद्र में हैं 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर Gukesh Dommaraju, जिन्होंने विश्व Chess चैंपियन बनकर न केवल देश का नाम रोशन किया, बल्कि खेल में एक नई ऊर्जा भी भर दी। Gukesh अब भारत के दूसरे विश्व चैंपियन बन चुके हैं, जिन्होंने Viswanathan Anand के बाद इस गौरव को हासिल किया।

Viswanathan Anand के बाद नई पीढ़ी का नेतृत्व

Viswanathan Anand, जिन्हें Chess का दिग्गज माना जाता है, ने पांच बार विश्व चैंपियनशिप जीतकर भारत में Chess को लोकप्रिय बनाया। उनके पदचिह्नों पर चलते हुए Gukesh ने यह खिताब जीतकर 12 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया। Gukesh की यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह भारत में Chess की नई पीढ़ी को नेतृत्व देने का संकेत है।

Chess का बढ़ता प्रभाव

पिछले कुछ वर्षों में भारत में Chess तेजी से लोकप्रिय हुआ है। 2024 के Chess ओलंपियाड में पुरुष और महिला टीमों ने स्वर्ण पदक जीते, जिससे यह खेल राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया। युवा प्रतिभाएं जैसे R Praggnanandhaa, Arjun Erigaisi, और अब Gukesh, Chess को भारत में नई पहचान दे रहे हैं। Gukesh की जीत ने न केवल Chess के प्रशंसकों को गर्व महसूस कराया है, बल्कि इस खेल में संभावनाओं के नए दरवाजे भी खोले हैं।

ब्रांड्स की नजर में Chess और Gukesh

Chess

Gukesh की जीत ने उन्हें ब्रांड्स के लिए एक आकर्षक चेहरा बना दिया है। खेल प्रबंधन विशेषज्ञ मानते हैं कि Gukesh की इस उपलब्धि से Chess का आर्थिक पक्ष भी मजबूत होगा। IOS Sports के प्रबंध निदेशक नीरव तोमर के अनुसार, Gukesh को ब्रांड डील्स में 60 लाख रुपये तक मिल सकते हैं।

Chess की दुनिया में प्रायोजन धीरे-धीरे बढ़ रहा है। Grandmaster Arjun Erigaisi ने हाल ही में सिंगापुर स्थित Quantbox कंपनी से $1.5 मिलियन (करीब 12.6 करोड़ रुपये) का अनुबंध किया है। इसी तरह, Praggnanandhaa को Adani और IOCL जैसे प्रमुख प्रायोजकों का समर्थन प्राप्त है। Gukesh की जीत के बाद, ब्रांड्स की नजरें अब Chess पर टिक गई हैं।

Chess का आर्थिक पहलू

Chess में खिलाड़ियों की कमाई मुख्यतः प्रायोजकों, पुरस्कार राशि, और विज्ञापनों पर निर्भर करती है। भारत में स्थानीय टूर्नामेंट में पुरस्कार राशि 10,000 रुपये से 35 लाख रुपये तक होती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह राशि $100 (करीब 8,000 रुपये) से लेकर $2.5 मिलियन (करीब 21 करोड़ रुपये) तक हो सकती है।

विश्व Chess चैंपियनशिप में Gukesh ने लगभग 11.45 करोड़ रुपये ($1.35 मिलियन) की कमाई की। हर गेम जीतने पर उन्हें करीब 1.69 करोड़ रुपये ($200,000) मिले। Gukesh की यह कमाई न केवल उनके खेल करियर को मजबूत बनाएगी, बल्कि Chess को और अधिक लोकप्रिय बनाने में भी मदद करेगी।

Gukesh: Chess का नया ब्रांड एंबेसडर

TRA Research के सीईओ चंद्रमौली का कहना है कि Gukesh का आत्मविश्वास और उनकी खेल भावना उन्हें ब्रांड्स के लिए परफेक्ट बनाती है। Chess जैसे खेल, जिसे हर हफ्ते या महीने नियमित रूप से फॉलो नहीं किया जाता, को लोकप्रिय बनाए रखना चुनौती है। Gukesh की टीम को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी प्रोफाइल लंबे समय तक प्रासंगिक बनी रहे।

Chess का भविष्य

Gukesh की जीत ने Chess को भारत में नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। यह केवल एक खेल नहीं, बल्कि बौद्धिक विकास और मानसिक शक्ति का प्रतीक बन चुका है। युवा खिलाड़ियों के लिए Gukesh की यह यात्रा प्रेरणा का स्रोत है। आने वाले वर्षों में Chess भारत में और भी तेजी से लोकप्रिय होगा।

समापन

Gukesh Dommaraju ने अपनी ऐतिहासिक जीत से साबित कर दिया है कि भारत केवल क्रिकेट का देश नहीं है। Chess में उनकी उपलब्धि ने न केवल खेल को बढ़ावा दिया है, बल्कि देश को वैश्विक खेल मानचित्र पर नई पहचान दी है। उनकी यह जीत भारतीय खेलों के लिए एक नई दिशा और ऊर्जा का प्रतीक है।

Chess का यह नया अध्याय केवल Gukesh के लिए नहीं, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए भी है जो इस खेल में अपना करियर बनाना चाहते हैं। Gukesh की सफलता की यह कहानी भारत में Chess के स्वर्णिम भविष्य की नींव रख रही है।

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