इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए एक ऐतिहासिक “Ceasefire” समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत, गाज़ा में हो रही हिंसा को रोकने और दोनों पक्षों द्वारा बंधकों की अदला-बदली करने पर सहमति बनी है। महीनों की कठिन वार्ता के बाद, इस डील को अंजाम तक पहुंचाने में मिस्र और कतर के मध्यस्थों ने अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही, संयुक्त राज्य अमेरिका का भी इस समझौते में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
समझौते का महत्व
यह Ceasefire समझौता बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया जनवरी 20 को अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदग्रहण का इंतजार कर रही है। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान इस संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने की बात कही थी और अपने मध्य-पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को इस समझौते में शामिल किया था।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
इस्राइली और हमास के बीच यह संघर्ष बेहद विनाशकारी रहा है। गाज़ा में हमास के हथियारबंद गुटों ने सुरक्षा बैरियर को तोड़ते हुए हमले किए, जिसमें 1,200 से अधिक सैनिक और नागरिक मारे गए। इसके अलावा, 250 से ज्यादा बंधकों को अगवा कर लिया गया। इजराइल ने इसके जवाब में गाज़ा पर सैन्य कार्रवाई की, जिसके चलते 46,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और लाखों लोग बेघर हो गए।
Ceasefire के तहत क्या हुआ तय?
- बंधकों की रिहाई: इस समझौते के तहत इजराइली बंधकों को हमास के कब्जे से रिहा किया जाएगा। इसके बदले, इजराइल फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
- संघर्ष विराम: गाज़ा में हो रही सभी सैन्य गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा।
- अंतरराष्ट्रीय निगरानी: इस समझौते को लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी टीमों की तैनाती की जाएगी।
इजराइल और हमास के लिए क्या मायने रखता है यह समझौता?
इजराइल में इस समझौते को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। अक्टूबर 7 को हुई सुरक्षा चूक के कारण जनता में उनके खिलाफ गुस्सा था। इस डील के जरिए, बंधकों की वापसी से जनता में नाराजगी कम होने की उम्मीद है।
वहीं, हमास के लिए यह Ceasefire डील अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने का मौका है। इसके अलावा, यह समझौता मध्य-पूर्व के अन्य देशों जैसे लेबनान, ईरान, इराक, और यमन में इजराइल के खिलाफ चल रही गतिविधियों पर भी प्रभाव डालेगा।
डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका
अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए Truth Social पर लिखा,
“हमने मध्य-पूर्व में बंधकों को छुड़ाने के लिए एक समझौता किया है। वे जल्द ही रिहा होंगे। धन्यवाद!”
यह बयान यह दर्शाता है कि ट्रंप ने इस समझौते को अपनी प्राथमिकता बनाई थी। यह Ceasefire डील उनके प्रशासन के लिए एक सकारात्मक शुरुआत मानी जा रही है।
क्या यह शांति स्थायी होगी?
हालांकि इस समझौते को शांति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह शांति स्थायी होगी। इजराइल और हमास के बीच पिछले संघर्षों के इतिहास को देखते हुए, स्थायी समाधान के लिए गहरे स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक समझौते की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष
यह Ceasefire समझौता न केवल गाज़ा के लिए बल्कि पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र के लिए शांति की उम्मीद जगाता है। लाखों लोगों की जिंदगियां इस संघर्ष से प्रभावित हुई हैं, और यह समझौता उनके लिए एक नई शुरुआत का संकेत हो सकता है। अब, यह दोनों पक्षों पर निर्भर करता है कि वे इस समझौते का पालन करें और क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए प्रयास करें।