भारतीय राजनीति में अमित शाह एक ऐसा नाम है, जो अक्सर अपने फैसलों और नेतृत्व की वजह से चर्चा में रहते हैं। उनके फोन कॉल्स का मतलब बड़े फैसले और महत्वपूर्ण सूचनाएं होती हैं। लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई बीजेपी नेता अमित शाह का फोन 15 बार मिस कर दे?
जी हां, यह किस्सा है जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री Kavinder Gupta का, जिन्होंने यह अनजाने में ‘दिव्य पराक्रम’ कर दिखाया। यह घटना तब की है जब उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया था।
कैसे हुआ यह सब?
कविंद्र गुप्ता ने खुद इस दिलचस्प किस्से को जम्मू के सहगल हॉल में कार्यभार ग्रहण करते समय साझा किया था। उन्होंने कहा, “उस दिन मैं घर पर फोन चार्जिंग में लगाकर आराम कर रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि मेरे फोन पर 15 मिस्ड कॉल्स थे। वह नंबर मेरे पास सेव नहीं था। मुझे लगा कि कोई जरूरी कॉल हो सकता है, तो मैंने वापस कॉल किया।”
फोन रिंग होने के बाद, दूसरी तरफ से आवाज आई, “मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बोल रहा हूं।”
कविंद्र गुप्ता का कहना था कि यह सुनते ही उनकी प्रतिक्रिया के लिए कुछ सेकंड रुक गए, लेकिन उससे पहले ही फोन कट हो गया।
अमित शाह की प्रतिक्रिया
इस घटना के बावजूद, अमित शाह ने इस मामले को सहजता से लिया और Kavinder Gupta को जम्मू-कश्मीर का उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला बरकरार रखा। यह उनके नेतृत्व की खासियत है कि वह योग्यता और भरोसे को प्राथमिकता देते हैं।
कविंद्र गुप्ता ने यह भी बताया कि उन्हें तब इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह कॉल उनके जीवन का इतना बड़ा मोड़ साबित होगा। जब उन्होंने इस घटना को मीडिया से साझा किया, तो वहां मौजूद हर कोई हंसने पर मजबूर हो गया।
BJP में अनुशासन और नेतृत्व का महत्व
भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन का बड़ा महत्व है। एक साधारण कार्यकर्ता से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक, सभी को पार्टी के नियमों और अनुशासन का पालन करना होता है। हालांकि, यह घटना दिखाती है कि अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेता भी व्यावसायिकता के साथ-साथ इंसानियत और समझदारी से काम लेते हैं।
कविंद्र गुप्ता का राजनीतिक सफर
Kavinder Gupta जम्मू-कश्मीर में एक प्रमुख राजनीतिक चेहरा हैं। उपमुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दी थीं। उनके काम को हमेशा जनता और पार्टी द्वारा सराहा गया है। इस घटना ने उनकी सादगी और विनम्रता को और उजागर किया।
अमित शाह की नेतृत्व शैली
इस घटना के माध्यम से अमित शाह की नेतृत्व शैली भी सामने आती है। वह छोटे से छोटे कार्यकर्ता या नेता में संभावनाएं देखते हैं और उन्हें बड़े पदों पर मौका देते हैं। यह उनकी दूरदर्शिता और निर्णय क्षमता को दर्शाता है।
राजनीति में ऐसे किस्से कम ही सुनने को मिलते हैं
भारतीय राजनीति में ऐसे किस्से बेहद कम सुनने को मिलते हैं, जहां एक नेता अनजाने में अपने वरिष्ठ नेता का फोन न उठाए और फिर भी उनकी पदोन्नति हो जाए। यह घटना एक तरफ अमित शाह की सहनशीलता को दर्शाती है, तो दूसरी तरफ राजनीति में हास्य के पल भी जोड़ती है।
यह किस्सा राजनीति में अनुशासन, विश्वास और नेतृत्व के साथ-साथ एक अनोखी इंसानी कहानी को भी उजागर करता है। Amit Shah और Kavinder Gupta के इस वाकये ने राजनीति के गंभीर माहौल में एक हल्का और दिलचस्प मोड़ ला दिया।
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