बदलापुर, महाराष्ट्र में एक स्कूल में दो नाबालिग बच्चियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न की घटना के बाद जनाक्रोश भड़क उठा। विरोध प्रदर्शन के दौरान महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि कई प्रदर्शनकारी राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित थे, लेकिन सरकार असली प्रदर्शनकारियों की बात सुनेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूंगो ने इस मामले में स्कूल के रवैये की निंदा की और कहा कि स्कूल ने मामले को दबाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि एनसीपीसीआर की टीम जल्द ही घटना की जांच के लिए भेजी जाएगी। इसके अलावा, संबंधित पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इस घटना ने मंगलवार को बदलापुर रेलवे स्टेशन पर 10 घंटे तक रेल सेवाओं को बाधित कर दिया, जब आक्रोशित लोगों ने रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, शाम होते-होते प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक खाली कर दिया और ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो गईं।
इस बीच, एक वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट से इस मामले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया, लेकिन न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने वकील से संबंधित बेंच के पास जाने को कहा। मामले की गंभीरता को देखते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया है कि मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है और अब लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।