Cricket Nitish Kumar Reddy ने एमसीजी में रचा इतिहास, जानें उनके शतक का Special Celebration

Cricket Nitish Kumar Reddy ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपने करियर का पहला टेस्ट शतक जड़ा। 28 दिसंबर को खेले गए चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ Nitish ने 105 रनों की नाबाद पारी खेली। यह न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि उनके देश और परिवार के प्रति समर्पण का प्रतीक भी था।

Nitish Kumar Reddy का शतक बनाने के बाद का जश्न भी उतना ही खास था जितनी उनकी पारी। उन्होंने अपने बल्ले को जमीन पर खड़ा किया, हेलमेट को उस पर टिकाया, और भारतीय ध्वज की ओर सलामी दी। इस भावुक क्षण ने स्टेडियम में मौजूद हर भारतीय प्रशंसक का दिल जीत लिया। Nitish ने बताया, “यह शतक केवल मेरा नहीं है, यह मेरे देश के प्रति मेरे समर्पण का प्रतीक है। जब मैंने अपने पिता को स्टैंड्स में रोते हुए देखा, तो मुझे लगा कि मेरी मेहनत रंग लाई है।”

Cricket Nitish Kumar Reddy: संघर्ष भरी पारी का था यह जश्न

Nitish Kumar Reddy की पारी आसान नहीं थी। भारतीय टीम 358 रनों पर 9 विकेट खो चुकी थी और 474 रनों के विशाल स्कोर का पीछा कर रही थी। ऐसे में Nitish पर जिम्मेदारी थी कि वह न केवल अपनी टीम को बचाएं, बल्कि खुद का शतक भी पूरा करें।

Nitish ने 90 के स्कोर पर लंबे समय तक संघर्ष किया। इसी दौरान वाशिंगटन सुंदर और जसप्रीत बुमराह के जल्दी आउट होने से टीम पर दबाव बढ़ गया। Nitish ने बताया, “जब विकेट गिर रहे थे, तो मैं घबरा गया था। लेकिन मेरे साथी मोहम्मद सिराज ने मुझ पर भरोसा जताया और कहा, ‘मैं तुम्हारे लिए करूंगा।’ उनके इस आत्मविश्वास ने मुझे प्रेरणा दी।”

कठिन परिस्थितियों से निकली उम्मीद

171वीं गेंद पर Nitish ने शानदार चौका लगाकर अपना शतक पूरा किया। पूरा स्टेडियम उनके इस ऐतिहासिक क्षण पर खड़ा होकर तालियां बजा रहा था। इस खास मौके पर उनके पिता मुताल्या रेड्डी भी स्टैंड्स में मौजूद थे। अपने बेटे की इस उपलब्धि को देखकर उनकी आंखों से खुशी के आंसू बह निकले। यह नजारा दिखा रहा था कि किसी खिलाड़ी की सफलता के पीछे परिवार की मेहनत और त्याग कितने मायने रखते हैं।

Nitish का यह शतक केवल एक संख्या नहीं, बल्कि उनके करियर की दिशा बदलने वाला क्षण भी साबित हो सकता है। इसके साथ ही, यह शतक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है, खासकर जब टीम मुश्किल समय से गुजर रही थी।

भारतीय क्रिकेट के लिए यादगार क्षण

Nitish Kumar Reddy ने न केवल अपनी टीम को मुश्किल समय में बचाया, बल्कि वह बॉक्सिंग डे टेस्ट में शतक बनाने वाले 10वें भारतीय बल्लेबाज भी बन गए। इसके अलावा, वह ऑस्ट्रेलिया में शतक जड़ने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी भी हैं।

उनके पिता मुताल्या रेड्डी ने अपने बेटे के इस प्रदर्शन पर कहा, “यह केवल उसका नहीं, पूरे परिवार का सपना था। इस सफलता के लिए उसने कितनी मेहनत की है, इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।”

Nitish का यह शतक भारतीय क्रिकेट के लिए एक प्रेरणादायक पल है। यह उनकी लगन, धैर्य और देश के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है। यह प्रदर्शन न केवल युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा, बल्कि भारतीय क्रिकेट को एक नया नायक भी देगा।

आने वाले समय के लिए उम्मीदें

Nitish Kumar Reddy ने इस पारी से दिखा दिया है कि वह बड़े मंच पर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। उनकी कहानी न केवल क्रिकेट के मैदान की है, बल्कि उन भावनाओं की भी है, जो हर भारतीय को जोड़ती हैं। Nitish ने अपने खेल से यह साबित कर दिया है कि अगर दिल में जज्बा और परिवार का समर्थन हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

Nitish ने यह भी बताया कि उनका अगला लक्ष्य भारतीय टीम को और भी बड़े मुकाबलों में जीत दिलाने का है। वह टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह पक्की करने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं। उनके प्रशंसकों को उम्मीद है कि वह आने वाले समय में भारत के लिए और भी यादगार प्रदर्शन करेंगे।

Nitish Kumar Reddy की यह पारी आने वाले मैचों में उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाएगी। भारतीय क्रिकेट प्रशंसक अब उनसे और भी बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं।

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