जब हम असमानता की बात करते हैं, तो आमतौर पर economic disparity, gender inequality, और unequal access to opportunities जैसे मुद्दे सामने आते हैं। लेकिन क्या आपने Pleasure Inequality के बारे में सुना है? यह उन असमानताओं से जुड़ा है, जो महिलाओं और पुरुषों के बीच sexual satisfaction में हैं, और यह अक्सर एक अज्ञात और अनदेखा विषय होता है। Durex India के एक हालिया सर्वे ने एक गंभीर मुद्दा उजागर किया है: भारत में करीब 70% महिलाएं अपनी sexual experiences से असंतुष्ट हैं, और कई महिलाएं orgasms को फेक करती हैं क्योंकि समाज उन्हें दबाव डालता है।
समस्या की जड़ें
भारत में महिलाओं के sexual pleasure के प्रति समाज का दृष्टिकोण बहुत पुराना और जटिल है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में Kamdev और Rati, जो sexual pleasure के प्रतीक थे, उन्हें पूजा जाता था। Rati Rahasya, एक 11वीं सदी का pleasure manual, में महिलाओं के arousal points का विस्तार से वर्णन है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्राचीन भारत में महिलाओं की sexual needs को समझने के मामले में एक उदार दृष्टिकोण था।
लेकिन समय के साथ समाज ने इस विषय पर चुप्पी साध ली और महिलाओं के sexual desires को एक taboo बना दिया। आज भी female sexual satisfaction पर बात करना भारतीय समाज में एक जटिल और असहज मुद्दा बन चुका है, जिससे pleasure gap और गहरा हो गया है, जहाँ महिलाएं अपने सामाजिक दायित्वों के दबाव में अपनी इच्छाओं की अनदेखी करती हैं।
Female Genital Mutilation (FGM): एक क्रूर वास्तविकता
एक और गंभीर उदाहरण है female genital mutilation (FGM) की प्रथा, जो कुछ भारतीय क्षेत्रों में अभी भी चल रही है। इसे कुछ समुदायों में purity बनाए रखने के लिए किया जाता है, जबकि यह महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाता है। यह प्रथा भारत में क़ानूनी रूप से प्रतिबंधित नहीं है, और इसके कारण भारत global hub बन गया है, जहाँ विदेशी महिलाएं भी इस प्रक्रिया के लिए आती हैं।
Virginity और Purity पर दोहरा मापदंड
virginity पर समाज का अडिग नजरिया भी असमानता को बढ़ाता है। Reuters के एक सर्वे के अनुसार, भारत में कई पुरुष virgin brides चाहते हैं, लेकिन खुद उनका यौन अनुभव अक्सर sex workers के पास जाने से जुड़ा होता है। दूसरी तरफ, महिलाएं हमेशा purity के मानकों पर खरी उतरने के लिए दबाव महसूस करती हैं, जिसके कारण hymenoplasty जैसी सर्जरी की मांग बढ़ रही है। यह दोहरा मापदंड महिलाओं पर अत्यधिक दबाव डालता है, और समाज में double standard को और मजबूत करता है।
आर्थिक और जीवनशैली में असमानताएं
भारत में असमानता सिर्फ sexual satisfaction तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी देखी जाती है, जैसे कि खाना और वित्तीय स्वतंत्रता। 2017 में UP में हुए एक सर्वे में पाया गया कि 85% महिलाएं, खाना बनाने के बाद भी, सबसे आखिर में खाना खाती हैं। इसी तरह, जब बात financial decision-making की आती है, तो 67% महिलाएं पुरुषों पर निर्भर रहती हैं, जैसा कि CNBC TV18 के एक सर्वे में सामने आया। यह असमानताएं महिलाओं को हर स्तर पर दबाव में डालती हैं और पुरुषों के सामने उन्हें एक dependent स्थिति में ला देती हैं।
निष्कर्ष
Pleasure inequality भारत में एक बड़ा और अनदेखा मुद्दा है, जिसे हमें खुलकर चर्चा करने की जरूरत है। सवाल यह है कि क्या हम उन पुराने विचारों को चुनौती दे सकते हैं जो महिलाओं के sexual pleasure को एक taboo समझते हैं? अगर हमें समाज में वास्तविक gender equality लानी है, तो यह आवश्यक है कि हम इस मुद्दे पर खुलकर बात करें, ताकि महिलाएं अपनी इच्छाओं और sexual satisfaction के लिए आवाज उठा सकें।