कारगिल युद्ध मतलब भारत के शौर्य और अभिमान का दिन, भारत के वीर सपूतोने युद्ध लढा और जीता। उनके आहुतिके वजह से आज देश में हमारा तिरंगा लेहेरा रहा है, इस युद्ध में 500 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हुए, लेकिन उनकी वीरता के कारण भारत ने अपने खोए हुए इलाके वापस हासिल कर लिए। शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे जैसे वीर सैनिकों की कहानियाँ हर भारतीय के दिल में बस गई हैं।
1999 में गर्मियों के दौरान, पाकिस्तान के सैनिकों और आतंकवादी समूहों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पार घुसपैठ कर कारगिल की ऊंचाइयों पर अपना कब्जा जमाना शुरू किया। पाकिस्तान का उद्देश्य था कि वह कारगिल के रणनीतिक बिंदुओं पर कब्जा कर भारत और जम्मू-कश्मीर के बीच संचार और आपूर्ति लाइनों को काट दे। यह भारत के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती थी।
कारगिल युद्ध के दौरान द्रास, बटालिक, टाइगर हिल और तोलोलिंग के इलाकों में भयंकर लड़ाइयाँ हुईं। इन इलाकों में तापमान -10°C तक गिर जाता था और ऊंची पहाड़ियों में युद्ध लड़ा गया, जो सेना के लिए एक बड़ी चुनौती थी। भारतीय सेना ने ऊंचाई पर बैठे दुश्मन को हराने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर युद्ध लड़ा।
कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया एक महत्वपूर्ण युद्ध था, जो मई 1999 से लेकर जुलाई 1999 तक चला। इस युद्ध का मुख्य कारण पाकिस्तान की सेना के साथ मिलकर उनके प्रशिक्षित घुसपैठियों द्वारा भारत के कारगिल जिले के ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा करना था। इस घटना ने भारत की सुरक्षा को चुनौती दी, जिसे भारतीय सेना ने वीरता के साथ जवाब दिया।
ऑपरेशन विजय
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के इस छल को जवाब देने के लिए “ऑपरेशन विजय” का आगाज़ किया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान के घुसपैठियों को भारत की सीमा से बाहर निकालना था। भारत ने अपने बहादुरों की मदद से अपने इलाकों को वापस हासिल किया और 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध को विजय के साथ समाप्त किया। तब से हर साल 26 जुलाई को भारत में ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
कारगिल युद्ध का परिणाम
युद्ध का परिणाम भारत के पक्ष में रहा। भारत ने कारगिल के इलाकों को पूरी तरह से वापस ले लिया और पाकिस्तान का छल यहां सफल नहीं हो सका। इस युद्ध ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को और ज्यादा तनावपूर्ण बना दिया, लेकिन इसने भारतीय सैन्य बलों की शक्ति और देशभक्ति को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया।
कारगिल युद्ध के बाद
युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कई समझौते हुए, लेकिन कारगिल ने एक बात साफ कर दी कि भारत अपनी सीमा सुरक्षा के मामले में कभी भी समझौता नहीं करेगा। इस युद्ध ने भारतीय सेना को और मजबूत बनाया और भारत के लोगों को अपनी सेना पर गर्व महसूस करने का एक और कारण दिया।